
Ghazipur: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से अवैध धन वसूली करने वाला जालसाज कोचिंग संचालक विनोद गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह करीब तीन माह से फरार चल रहा था और इस दौरान उसके खिलाफ सात मुकदमे दर्ज हो चुके थे। पुलिस को यह सफलता सोमवार को वाहन चेकिंग के दौरान मिली।
पुलिस के अनुसार, जालसाज विनोद गुप्ता और उसके सहयोगी कृष्णा उपाध्याय को तिलवां मोड़ से गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपी बिहार जाने के लिए हाईवे पर वाहन का इंतजार कर रहे थे। इनसे तीन मोबाइल बरामद किए गए। पूछताछ के बाद मंगलवार को दोनों आरोपियों को संबंधित धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार, यह इस हाईप्रोफाइल मामले में पहली गिरफ्तारी है। इस गैंग में कुल 13 सदस्य हैं, जिनमें से 11 अभी फरार हैं। पुलिस और एसओजी की टीमें इनकी तलाश में जुटी हैं और उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
धोखाधड़ी और अवैध वसूली का मामला
कोचिंग संचालक विनोद गुप्ता पर नौकरी दिलाने के बदले लाखों रुपये वसूलने के आरोप हैं। अब तक पीड़ितों की तहरीर पर सात मुकदमे धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में दर्ज हो चुके हैं। पहला मुकदमा नगदीलपुर गांव निवासी विदेशी चौधरी की तहरीर पर दर्ज हुआ था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि गुप्ता ने नौकरी दिलाने के बदले उनसे करीब दस लाख रुपये वसूले और जब उन्होंने रुपये वापस मांगे, तो जान से मारने की धमकी दी।
बिहार और झारखंड के युवकों को बनाया निशाना
कोचिंग संचालक ने यूपी से लेकर बिहार और झारखंड के युवकों को निशाना बनाया था। शिकायतकर्ताओं में मीना कुमारी, जूली कुमारी, गुलाम कादिर जैसे कई लोग शामिल हैं, जो आरोप लगाते हैं कि उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई। इसके अलावा, गुप्ता और उनके गैंग ने फर्जी जॉइन लेटर भी दिए थे, जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बिहार के सचिवालय में नौकरी मिल जाएगी।
आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी
प्रभारी निरीक्षक पवन उपाध्याय ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है।