
वाराणसी। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने क्राइम मीटिंग में यातायात से लेकर कानून व्यवस्था आदि पर अफसरों के पेंच कसे। सीपी ने मंगलवार को यातायात लाइन स्थित सभागार में गोमती जोन के अंतर्गत आने वाले थानों, चौकियों और बीट उपनिरीक्षकों की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी और ट्रैफिक मैनेजमेंट जैसे बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए पुलिस कमिश्नर ने अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिए।
बैठक के दौरान रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, मंदिरों और अन्य भीड़भाड़ वाले पर्यटक स्थलों पर फेरीवालों और भिक्षुकों के वेश में रह रहे संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की मौजूदगी की आशंका को देखते हुए विशेष जांच अभियान चलाने के आदेश दिए गए। ऐसे सभी संदिग्धों का पूर्ण सत्यापन किया जाएगा और अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
समीक्षा बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि रेल पटरियों, सड़कों के किनारे, गांवों के बाहरी इलाके, पार्कों और खुले मैदानों में निवास कर रहे लोगों का सत्यापन कर उन्हें चिन्हित कर नियमानुसार हटाया जाए। साथ ही मकान मालिकों को बिना सत्यापन किसी को किराये पर मकान न देने की चेतावनी दी गई।

पुलिस कमिश्नर ने बीएचयू परिसर, गंगा घाटों और शिक्षण संस्थानों के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री या सेवन पर भी विशेष निगरानी रखने को कहा। किसी भी प्रकार की शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। गौ-तस्करी, अवैध शराब, मादक पदार्थों और अवैध हथियारों की तस्करी में लिप्त गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया।
ऑनलाइन सट्टा और जुए के नेटवर्कों की पहचान कर गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत करने का निर्देश देते हुए कहा गया कि इस प्रकार के आर्थिक अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, होटल, लॉज और ढाबों में चल रही किसी भी प्रकार की अनैतिक या अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सभी थाना प्रभारियों को औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
रात्रिकालीन गश्त को पूरी सतर्कता और अनुशासन के साथ संचालित करने पर भी बल दिया गया। गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों को सीटी (व्हीसल) का प्रयोग कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। ‘ऑपरेशन चक्रव्यूह’ के अंतर्गत प्रमुख चौराहों, सीमावर्ती मार्गों और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष चेकिंग अभियान चलाने और बिना नंबर प्लेट के वाहनों पर शत-प्रतिशत कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश भी बैठक में दिया गया।
इसके अतिरिक्त लंबित विवेचनाओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने की बात कही गई, जिसमें स्पष्ट किया गया कि कोई भी विवेचना दो माह से अधिक लंबित नहीं रहनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना हेतु ग्राम प्रधानों और स्थानीय नागरिकों को जागरूक और प्रेरित करने का भी निर्देश दिया गया।

पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि सभी पुलिसकर्मियों को संवेदनशीलता, पेशेवर आचरण और उच्च नैतिक मूल्यों के साथ कार्य करना होगा। जनता से दुर्व्यवहार करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
इस अहम समीक्षा बैठक में जॉइंट सीपी राजेश कुमार सिंह, डीसीपी गोमती ज़ोन आकाश पटेल, एडीसीपी क्राइम सरवणन टी., एडीसीपी प्रोटोकॉल एवं मुख्यालय सुशील कुमार गंगा प्रसाद सहित गोमती जोन के समस्त एसीपी, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी और बीट एसआई उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना, आमजन को सुरक्षित माहौल प्रदान करना और अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना रहा।