
वाराणसी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के तहत जिले में चल रहे विकास कार्यों की गहन समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में 30 विभागों की 85 योजनाओं का मूल्यांकन किया गया, जिसमें 48 योजनाओं को ए-प्लस रैंकिंग मिली। जिलाधिकारी ने खराब रैंकिंग वाले विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे योजनाओं में तेजी लाएं, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कम प्रगति वाले विभागों पर जिलाधिकारी का कड़ा रुख
बैठक के दौरान 15वें वित्त आयोग, जल जीवन मिशन, सामूहिक विवाह योजना, मध्याह्न भोजन योजना, पर्यटन परियोजनाएं, छात्रवृत्ति योजनाएं, सड़क निर्माण और फैमिली आईडी से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की गई। इन योजनाओं की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को फटकार लगाई।
15वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायत योजनाओं में केवल 2% प्रगति दर्ज की गई, जिस पर डीपीआरओ वाराणसी का स्पष्टीकरण मांगा गया और एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया गया। इसी प्रकार, जल जीवन मिशन योजना में एक्सईएन की गैरहाजिरी पर उनका भी एक दिन का वेतन रोक दिया गया।
पर्यटन और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी
पर्यटन विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं में गुणवत्ता की शिकायतों के चलते उपनिदेशक पर्यटन का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए। यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में भी गुणवत्ता की लगातार शिकायतों और प्रोजेक्ट मैनेजर की अनुपस्थिति पर एक माह का वेतन रोकने का आदेश जारी हुआ।
लोक निर्माण विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं की धीमी गति और बजट आवंटन में अनियमितता के कारण प्रांतीय खंड और सीडी-वन के एक्सईएन से स्पष्टीकरण मांगा गया और उनके वेतन में कटौती के निर्देश दिए गए। राजकीय निर्माण निगम की लापरवाही पर भी सख्त कार्रवाई की बात कही गई।
लाभार्थी योजनाओं पर विशेष ध्यान
बैठक में जिलाधिकारी ने निराश्रित महिला पेंशन, छात्रवृत्ति, शादी अनुदान, वृद्धावस्था पेंशन और कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए विशेष कैंप लगाए जाएं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की समीक्षा में भी कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए गए। इसी तरह, पीएम विश्वकर्मा योजना, ओडीओपी, ऑपरेशन कायाकल्प और निपुण भारत जैसी योजनाओं में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सक्रियता से कार्य करने का निर्देश दिया गया।
गैरहाजिर अधिकारियों पर कार्रवाई
बैठकों से अनुपस्थित रहने पर अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी का वेतन रोकने का आदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने नगर निगम, जलकल, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज और बिजली विभाग को निर्देश दिया कि पिछले तीन महीने की शिकायतों और उनके समाधान की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी स्वयं करें।
जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने का निर्देश
जिलाधिकारी ने कहा कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को जिम्मेदारी से काम करने की हिदायत दी और अच्छा प्रदर्शन करने वाले विभागों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
इस समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, डीएफओ वाराणसी स्वाति सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि विकास योजनाओं का उद्देश्य जनकल्याण है, इसलिए सभी अधिकारी इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दें और नागरिकों के हित में कार्य करें।